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Antim Neebu

250.00

  • Publisher ‏ : ‎ Vani Prakashan; First Edition (1 January 2023); Vani Prakashan – 4695/21-A, Daryaganj, Ansari Road, New Delhi 110002
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 156 pages
  • ISBN-10 ‏ : ‎ 9355181205
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 978-9355181206
  • Reading age ‏ : ‎ 15 years and up
  • Item Weight ‏ : ‎ 250 g
  • Dimensions ‏ : ‎ 22 x 1 x 14 cm
  • Country of Origin ‏ : ‎ India
  • Net Quantity ‏ : ‎ 250 Grams
  • Importer ‏ : ‎ Vani Prakashan – Darya ganj , New Delhi 110002
  • Packer ‏ : ‎ Vani Prakashan – Contact No – +91 11 23273167
  • Generic Name ‏ : ‎ Book

Additional information

Category: Product ID: 592

Description

रघुवीर सहाय ने लिखा है- ‘अपनी एक मूर्ति बनाता हूँ, और ढहाता हूँ और आप कहते हैं कि कविता की ।’ इसे यदि दुबारा कोई लेखक हिन्दी में लिख सकता है, तो वह कथाकार उदय प्रकाश है। उदय प्रकाश की हर महत्त्वपूर्ण कहानी ने हिन्दी कहानी के साँचे को तोड़ा है। इतना ही नहीं, उसने स्वयं बार-बार अपने ही बनाये साँचे तोड़े हैं। उदय प्रकाश एक ऐसा हिन्दी लेखक है जिसे उर्दू, मराठी आदि अन्य भारतीय भाषाओं में और अंग्रेज़ी, जर्मन, फ़्रेंच आदि विदेशी भाषाओं में भरपूर सम्मान मिला है, जब कि हिन्दी अभी दर्शक दीर्घा में ही बैठी है। उदय प्रकाश न सिर्फ़ श्रेष्ठ कथाकार हैं, वह अच्छे कवि भी हैं। – प्रभाकर श्रोत्रिय / हिन्दी साहित्य के पिछले सौ सालों में के इतिहास में कवि और कथाकार के रूप में समान रूप से लेखन करने वाले तीन ही लेखक हुए हैं, और वह हैं- जयशंकर प्रसाद, अज्ञेय और उदय प्रकाश। अगर हिन्दी कहानी के पिछले सौ वर्षों में, मैं आठ नाम लूँ, तो उसमें भी उदय प्रकाश सम्मिलित होंगे। ये आठ नाम हैं-प्रेमचन्द, जैनेन्द्र, अज्ञेय, यशपाल, फणीश्वरनाथ रेणु, भीष्म साहनी, हरिशंकर परसाई और निर्मल वर्मा । – नामवर सिंह / मैं तो साफ़-साफ़ कहूँगा, उदय जी को एक से दस तक तो क्या, उन्हें कोई भी नम्बर नहीं छू पाता है। वो नम्बरों से ऊपर की चीज़ हैं… बियोंड नम्बर ! मैं उदय जी की कहानियों का बहुत बड़ा समर्थक हूँ। भक्त हूँ। जितना मैंने पढ़ा है, उसमें दुनिया के किसी भी रचनाकार ने मुझे इतना नहीं छुआ है, जितना उदय जी की रचनाओं ने… मैं उनके बराबर किसी रचनाकार को नहीं रख सकता। जो गहराई और आत्मीयता उनकी कहानियों में है, वो सर्वथा अनुपलब्ध है। – इरफ़ान

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